
नाम- गोपाल राय
विधानसभा सीट- बाबरपुर
किसको हराया- नरेश गौड़( करीब 33 हजार वोटों से)
(2015 के चुनाव में भी नरेश गौड़ को लगभग 36 हजार वोट से हराया था.)
कहां के रहने वाले हैं- मऊ, उत्तर प्रदेश.
पिछले सरकार में क्या थे- पार्टी संयोजक
कौन-कौन से मंत्रालय संभाल रहे हैं- श्रम और रोजगार मंत्रालय.
क्यों शामिल किया जा रहा है- अरविंद केजरीवाल के सबसे विश्वसनीय. 2013, 2015 और 2020. केजरीवाल के साथ खड़े चेहरे बदलते रहे, लेकिन एक चेहरा हमेशा रहा. गोपाल राय का. AAP सरकार में गोपाल राय ने एक नहीं कई मंत्रालय संभाले. अनुभव है, तो शायद इसी में कोई मंत्रालय एक बार फिर मिल सकता है.
पिछली सरकार का काम- बाबरपुर विधानसभा में इन्होंने 16 मोहल्ला क्लीनिक खुलवाया. ड्रेनेज की सफाई, स्कूल के आधुनिकीकरण का काम किया. बाबरपुर विधानसभा को पहचान दिलाई. लोगों की जरूरत पूरी की.
इतिहास- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएशन के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से पोस्ट ग्रैजुएशन किया. छात्र नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखा. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. लखनऊ यूनिवर्सिटी में हो रहे छात्र आंदोलन में गुंडागर्दी काफी बढ़ गई थी. उसी के खिलाफ हॉस्टल के कई छात्रों ने क्रिमिनल्स को बाहर करने के लिए आंदोलन किया. गोपाल राय अनशन पर बैठे. आंदोलन तो जीत गए, लेकिन जो विपक्षी थे, उन्होंने गोपाल राय को गोली मार दी. वो गोली उनके रीढ़ की हड्डी में फंस गई. 4-5 साल वो गोली वहीं फंसी रहने के कारण पूर तरह से पैरलाइज्ड हो गए. और फिर सर्जरी होने के बाद वो मिशन में लग गए. गोपाल राय दिल्ली में हुए जन लोकपाल आंदोलन से जुड़े. पार्टी बनाई. चुनाव लड़ा. चुनाव जीता. सरकार बनी. काम किया. और फिर एक बार चुनाव जीतकर काम करने जा रहे हैं.
वीडियो देखें : बाबरपुर सीट पर आम आदमी पार्टी के गोपाल राय ने बीजेपी के दिग्गज को हराया